डिबाई/राजघाट/जहाँ एक ओर देश भर में देवाधिदेव महादेव के महापर्व महाशिवरात्रि बड़े धूमधाम से मनाया गया। वहीं डिबाई के मौहल्ला सराय किशनचंद में उस वक़्त कोहराम मच गया जब सराय किशनचंद निवासी राधा पत्नी ओमप्रकाश (पेटला) उम्र 26 वर्ष तथा 14 वर्षीया मोना पुत्री भुकराम सोमवार देर रात्रि जल भरने के लिए डिबाई से राजघाट गंगाघाट पर पहुंची।
जिसके चलते जैसे ही दोनों कावड़िया गंगा स्नान करने के लिए जल में उतरी उसके बाद दोनों ही जिंदगियां हमेशा के लिए सिंचाई विभाग की लापरवाही से गहरे जल में समा गई। दोनो के साथ गए अन्य कांवड़ियों ने जब शोर मचाया तो घाट पर मौजूद तैराकों ने दोनों को तलाशने के काफी प्रयास किये।
मामले पर प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस घाट पर उक्त घटना घटित हुई है उस घाट को स्नान के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। परन्तु देर रात्रि की वजह से दोनों कावड़िया जल में उतर गई। इसी बीच जब जानकारी की गई तो ज्ञात हुआ कि जिस घाट पर ये हादसा हुआ है उसके विषय मे सिंचाई विभाग नरौरा के सभी सक्षम अधिकारियों को अवगत कई बार किया गया है।
गंगा के कटान के कारण घाट की सीढ़ियों के नीचे लगभग 40 फुट का गड्ढा हो गया है। लेकिन सिंचाई विभाग नरौरा के सभी अधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नही दिया। सूत्रों की माने तो यदि विगत वर्षों की तरह गंगा कटान फिर से हुआ तो निश्चिंत ही घाट के साथ साथ श्मशान घाट भी जलसमाधि ले जाएगा। अब देखना है कि आखिर सिंचाई विभाग के सक्षम अधिकारी कब तक आंखें मूंद कर ऐसे ही मासूम जिंदगियों को काल का ग्रास बनता देखते रहेंगे।