India vs Bharat: विलियम शेक्सपियर ने कहा था कि नाम में क्या रखा है? जिसे हम गुलाब कहते हैं, उसे अगर किसी दूसरे नाम से भी बुलाएंगे तो भी उसकी खुशबू वैसी ही रहेगी.’ महगार अब ज्यादातर लोग शेक्सपियर की इस बात से असहमत होंगे. क्योंकि नाम ही है जो देश से लेकर व्यक्ति तक की सबसे प्रमुख पहचान होता है. हर नाम का अपना एक इतिहास भी होता है.
- हमारे देश में भी इस समय ‘नाम’ को लेकर बहस चल रही है, देश के नाम को लेकर.
- बहस है कि देश का नाम ‘भारत’ ही कर दिया जाए और ‘इंडिया’ शब्द को हटा दिया जाए.
- बहस की शुरुआत हुई भेजे गए इन्विटेशन कार्ड से जिसपर ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा था जो अब तक ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ था.
- इसके बाद G-20 समिट के और नए आईडी कार्ड सामने आए और इनमें ‘भारत ऑफिशियल’ लिखा दिखा.
- साथ ही आसियान समिट से जुड़े फंक्शन नोट्स पर नरेंद्र मोदी के साथ ‘द प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत’ लिखा है.
इंडिया vs भारत पर बवाल
- इस पर सियासत भी गरमा गई है.
- जयराम रमेश ने कहा कि ये सब ड्रामा है और इसलिए हो रहा है, क्योंकि हमने गठबंधन का नाम I.N.D.I.A. रख लिया है.
- सीएम केजरीवाल ने भी कहा कि हम अगर विपक्षी गठबंधन भारत नाम रख लेता है तो क्या भारत नाम भी बदल दिया जाएगा.
- जिसके पलटवार में अनुराग ठाकुर ने कहा कि ये लोग कौन हैं जो भारत नाम का विरोध कर रहे हैं? अब इन सबको नाम से भी दिक्कत है.
इंडिया vs भारत पर बहस आजादी के बाद से ही शुरू
- चौकने वाली बात ये है कि देश का नाम ‘भारत’ हो या ‘इंडिया’? इस पर बहस आजादी के बाद से ही शुरू हो गई थी.
- आज जो मोदी सरकार देश का नाम ‘भारत’ किए जाने का भरपूर समर्थन कर रही है,
- उसी ने आठ साल पहले सुप्रीम कोर्ट में इसका जमकर विरोध किया था.
- दरअसल साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर हुई.
- याचिका में देश का नाम ‘इंडिया’ की बजाय ‘भारत’ किए जाने की मांग की गई थी.
- तब केंद्र की सरकार ने इस याचिका का भारी विरोध किया था.
- अपना जवाब देते हुए नवंबर 2015 में केंद्र सरकार ने कहा था, देश को ‘इंडिया’ की बजाय ‘भारत’ कहने की जरूरत बिलकुल नहीं है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि संविधान के प्रारूप के दौरान संविधान सभा में देश के नाम को लेकर लंबी बहस हो चुकी है
बेहद विचार-विमर्श के बाद अनुच्छेद-1 को सर्वसम्मति से इसे अपनाया गया था.
जिसके बाद 11 मार्च 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था.
तत्कालीन चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा था, ‘भारत और इंडिया आप भारत बुलाना चाहते हैं तो बुलाइए और अगर कोई इंडिया बुलाना चाहता है तो उसे इंडिया कहने दीजिए.’
मुलायम सिंह याद ने रखा था प्रस्ताव: India vs Bharat
- उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने साल 2004 में विधानसभा में एक प्रस्ताव रखा.
- ये प्रस्ताव भी देश का नाम ‘भारत’ किए जाने को लेकर ही था.
- इसमें कहा गया था कि संविधान में जहां ‘इंडिया दैट इज भारत’ लिखा है, वहां ‘भारत दैट इज इंडिया’ कर दिया जाना चाहिए.
- विपक्ष में बैठी BJP ने इसका जमकर विरोध किया था.
- बीजेपी ने तो वोटिंग के दौरान वॉकआउट कर दिया था.
- ये विधानसभा से इस कारण निर्विरोध पास हो गया था.