गुजरात के सरकारी विद्यालय में पहुंचे मनीष सिसोदिया, कैसा दिखा हाल ?

गुजरात भाजपा के शिक्षा मॉडल का पर्दाफाश करने के लिए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को गुजरात का दौरा किया। शिक्षामंत्री जीतू भाई बघानी के विधानसभा क्षेत्र भावनगर के 2 सरकारी स्कूलों का दौरा कर गुजरात की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोली। मनीष सिसोदिया द्वारा गुजरात के सरकारी स्कूलों के दौरे के एलान के बाद भावनगर के प्रशासन में अफरा-तफरी का माहौल रहा, भावनगर प्रशासन दौरे से पहले 2 दिनों तक सरकारी स्कूलों से मकड़ी का जाला हटाने और दूसरी जगहों से शिक्षकों को लाने में जुटा हुआ था। स्कूलों के दौरे के बाद मनीष सिसोदिया ने कहा कि गुजरात में भाजपा के 27 साल के राज का शिक्षा मॉडल यह है कि शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र के स्कूलों में शौचालय, फर्श और बेंच तक नहीं है।

मनीष सिसोदिया ने कहा जब गुजरात के सरकारी स्कूल सिस्टम को वर्ल्ड-क्लास बताने का दम भरने वाले गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू भाई बघानी के विधानसभा में ही सरकारी स्कूल बदहाल हैं तो बाकि गुजरात में सरकारी स्कूलों का और भी बुरा हाल होगा। उन्होंने कहा कि गांधी-पटेल की जन्मभूमि गुजरात में भाजपा सरकार शिक्षा व्यवस्था का मजाक न बनाए। भाजपा अपनी गलतियों को समझे और गुजरात में शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने का काम करे। वरना आगामी चुनावों में गुजरात की जनता शिक्षा पर काम करने वाली सरकार चुनेगी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस संबंध में कहा कि सरकारी स्कूलों की ये बदहाली देखकर बहुत दुःख होता है। आजाद हुए 75 साल हो गए लेकिन अच्छी शिक्षा का इंतजाम नहीं कर पाए।

इस मौके पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि गुजरात के शिक्षा मंत्री जो ये दम भर रहे थे कि उनकी भाजपा की सरकार ने गुजरात के सरकारी स्कूलों को शानदार बना दिया। अहंकार में कह रहे थे कि जिसे गुजरात की शिक्षा व्यवस्था पसंद नहीं है वो दिल्ली चला जाए।| आज मैंने खुद उनके विधानसभा क्षेत्र में आकर यहां के सरकारी स्कूलों का दौरा किया। मुझे लगा था कि पिछले 27 सालों में भाजपा की सरकार ने गुजरात के सरकारी स्कूलों को शानदार बना दिया होगा, लेकिन वास्तविकता तो कुछ और ही है। स्कूल में बच्चे बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित है। 

सिसोदिया ने बताया कि जब गुजरात के शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र के स्कूलों का हाल ही इतना बदहाल है तो गुजरात के बाकि क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों का क्या हाल होगा। यहां के स्कूलों में मकड़ी के जाले लगे हुए क्लासों में बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं। छत और दीवारें जर्जर हालत में हैं। भावनगर का पूरा प्रशासन पिछले 2 दिनों से स्कूल को साफ करने में लगा हुआ है लेकिन अब भी स्कूलों में गंदगी है। बच्चे जमीन पर बैठ कर पढ़ने के लिए मजबूर हैं और डर इतना है कि मेरे दौरे से पहले स्कूल में 4 स्मार्ट बोर्ड टांग दिए।

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