जनपद फर्रुखाबाद की कोतवाली मोहम्मदाबाद के गांव अहिमलापुर निवासी जितेंद्र, मोनू तथा जनपद कन्नौज कोतवाली ब कस्बा छिबरामऊ निवासी ओंकार की जहरीली शराब पीने से 3 मार्च को मृत्यु हो गई थी। बताया जाता है कि जो शराब तीनों मृतकों ने सेवन की थी। वह इसी क्षेत्र के गांव भरतामऊ स्थित अंग्रेजी शराब के ठेके से खरीद कर लाई गई थी। इस प्रकरण में मृतक ओंकार निवासी छिबरामऊ- कन्नौज के बेटे विपिन कुमार ने एफ आई आर दर्ज कराते हुए कहा है कि उसके पिता भरतामऊ ठेके से शराब खरीद रहे थे।
सस्ती शराब देने को लेकर सेल्समैन से कहासुनी हो गई । उसी समय जितेंद्र तथा मोनू आ गए । उन्होंने सेल्समैन से अच्छी शराब देने कौ कहा ,सेल्समैन ने दुकान के अंदर से रखी हुई शराब लाकर उसके पिता को दी। बेटे का आरोप है कि सेल्समैन ने जहर मिश्रित शराब जानबूझकर उसके पिता को दे दी। जिसके सेवन से उसके पिता ओमकार तथा जितेंद्र और मोनू की मृत्यु हो गई। तहरीर के आधार पर पुलिस ने शराब ठेकेदार विनोद कुमार गोदाम / स्टॉक प्रभारी महेश सिंह तथा सेल्समैन श्याम पाल के विरुद्ध हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
इस जहरीली शराब कांड से प्रशासन में अफरा तफरी मच गई। वही जनसामान्य में भी आक्रोश दिखाई दे रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए देर रात कमिश्नर ,एडीजी तथा आईजी आबकारी विभाग के साथ भरतामऊ स्थित दुकान पर पहुंचे। जहां उन्होंने सेल्समैन से गहन पूछताछ की तथा पता लगाने का प्रयास किया। इसी के साथ डीएम- एसपी फर्रुखाबाद तथा एसपी कन्नौज भी अंग्रेजी शराब दुकान पर पहुंच गए थे। सभी अधिकारी यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। कि अपमिश्रित द्रव्य युक्त जहरीली शराब का धंधा कहां किया जाता है और यह शराब कैसे और किस स्थान से लाकर बेची जाती है। उधर उसी समय संयुक्त आयुक्त लखनऊ धीरज सिंह एवं ज्वाइंट कमिश्नर आगरा भी अपनी टीम के साथ भरतामऊ अंग्रेजी शराब की दुकान पर पहुंचे। जहां उन्होंने मामले का गहराई से पता लगाने का प्रयास करते हुए ठेका अंग्रेजी शराब वाली दुकान से उपलब्ध शराब के जांच हेतु सैंपल भरवाए।
यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी काफी वर्ष पहले एटा में जहरीली शराब से कई दर्जन लोगों की जान चली गई थी। इससे पूर्व भी जगह जगह इस तरह की घटनाएं घटित होती रही। हर घटना के बाद प्रशासनिक अधिकारी जांच करने, पुनरावृति रोकने, जैसी बातें करते हैं। लेकिन अवैध शराब निर्माण, स्टॉक करना तथा उसे अधिकांश देशी एवं विदेशी शराब बिक्री की दुकानों तथा गोदामों तक पहुंचाने का काम ऊंचा रसूख रखने वाले शराब माफिया करने से बाज नहीं आते हैं। जब तक इन्हें नहीं रोका जाएगा या इनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही अभियान के रूप में नहीं की जाएगी। तब तक कुछ समय के बाद फिर पहले जैसी ही घटनाएं घटने का क्रम रुकने की संभावना बहुत कम ही हो सकती है।