MP Election 2023: जब बीजेपी अपने चुनावी सफर की शुरूआत कर रही थी तब पार्टी के बड़े नेताओं ने बैठकें लेना शुरु कर दिया था। प्रदेश में पार्टी के प्रचार-प्रसार की तैयारियां तेज हो गई थीं। उस समय पार्टी ने एक नारा निकाला था ‘अबकी बार 200 पार’। खुद गृहमंत्री अमित शाह ने कई बार मंच से कहा कि पार्टी इस बार 200 से ज्यादा सीटें जीतने वाली है। सीएम शिवराज भी कई बार बोले कि पार्टी प्रदेश में 200 से अधिक सीटें जीतेगी। कुल मिलाकर लगभग पिछले 20 साल से मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज बीजेपी ने 2023 विधानसभा चुनावों के में 51 प्रतिशत वोट हासिल करने का लक्ष्य रखा था।
- ‘अबकी बार 200 पार’ के नारे के साथ मध्यप्रदेश में अपने चुनावी सफर की शुरुआत करने वाली बीजेपी की हालत अब ख़राब दिख रही हैं.
- जो नारा 200 पार का बीजेपी दिया करती थी अब असल मायने में वो कांग्रेस पर लागू होता दिख रहा हैं.
- घोसी उपचुनाव में बीजेपी ने इंडिया गठबंधन की ताखत देख ली.
- कही न कही बीजेपी के अंदर अब एक खौफ पैदा हो गया हैं.
- अब आप सोचिये की अगर मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस को सपा-बसपा का साथ मिल गया तो 200 पार का नारा कांग्रेस पर एक दम फिट हो जायेगा.
मध्य प्रदेश विधानसभा: MP Election 2023
- मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीट हैं।
- देश की सबसे पुरानी पार्टी यानी कांग्रेस को इस बार 100 से 108 सीटें मिल सकती हैं।
- वहीँ BJP को इस बार 116 से 124 सीटें मिलने का दावा किया गया है।
- इन आकड़ो के हिसाब से मध्यप्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर हैं.
- ऐसे में अगर कांग्रेस को सपा-बसपा का साथ मिल गया तो पूरा खेल ही पलट सकता हैं.
- खैर 2018 में जो हुआ वो किसी से छुपा नहीं हैं।
- भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर थी।
- दोनों ही दलों का वोट शेयर लगभग बराबर का रहा।
- बीजेपी को 41.02 प्रतिशत वोट मिले, तो वहीं कांग्रेस को 40.89 प्रतिशत वोट मिले।
- लेकिन मामला उलट गया और संख्या बल के आधार पर मध्य प्रदेश में पीसीसी चीफ कमलनाथ की सरकार बनी।
- उन चुनावों में कांग्रेस ने 114 सीटें जीतीं और बीजेपी 109 पर रह गई।
- लेकिन फिर सिंधिया ने कॉंग्रेस्सका साथ छोड़ा और बीजेपी में शामिल होगये.
- बीजेपी ने फिर से जोड़ तोड़ करके MP में फिर से सरकार बना ली और कमलनाथ को महज डेढ़ साल के अंदर सीएम की कुर्सी से नीचे उतार दिया.
BJP से नेता कांग्रेस में जा रहें
- बीजेपी नेताओं का लगातार पार्टी से होता मोहभंग सत्तारूढ़ दल के लिए बड़ी चुनौती बन गया है.
- ऐसा कोई हफ्ता नहीं जा रहा जब भाजपा से कोई नेता कांग्रेस में नहीं जा रहा हो.
- ऐसे नेताओं की संख्या 40 के पार पहुंच गई है.
- मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के लगातार दौरा कर रहे हैं.
- उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा जैसे बड़े नाम चुनावी साल में अपनी बैठकें और दौरे जारी रखे हुए हैं.
- इसके बवजूद पार्टी छोड़कर बीजेपी नेताओं का कांग्रेस जॉइन करने का सिलसिला नहीं रुक रहा है.
इन विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए मुश्किल तो है, क्योंकि पुराने कई नेता पार्टी छोड़ रहे हैं, जगह-जगह मनमुटाव की खबरें भी सामने आ ही रही हैं। राज्य में चल रही जन आशीर्वाद यात्रा में खेमेबाजी भी खुल कर सामने आ रही है। कार्यकर्ता अपने नेताओं के साथ भोपाल के चक्कर लगा रहे हैं। भाजपा की तरफ से अमित शाह एमपी के हालातों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। यही वजह कि वे यहां ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं। अब क्या भाजपा और अमित शाह इस स्थिति को नियंत्रित कर पाएंगे या फिर कांग्रेस बड़ी आसानी से एमपी की सत्ता में वापसी कर लेगी, ये देखने वाली बात होगी।