सेसमी वर्कशॉप इंडिया ने कोविड-19 से प्रभावित परिवारों के लिए किया है खास काम

सेसमी वर्कशॉप इंडिया ने कोविड-19 से प्रभावित परिवारों के भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए इंटरनेट पर नए संसाधन लॉन्च किए वियाट्रिस के सहयोग से बनाए गए वीडियो एवं अन्य संसाधन भारतीय परिवारों की अलग-अलग पीढ़ियों की सामाजिक एवं भावनात्मक जरूरतों को पूरा करते हैं

भोपाल, 31 मार्च 2022 : अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर टीवी शो ‘सेसमी स्ट्रीट’ के निर्माता ‘सेसमी वर्कशॉप’, एक गैर-लाभकारी संस्था है जिसने वियाट्रिस इंक (NASDAQ : VTRS) के सहयोग से कोविड-19 के प्रभाव से जूझ रहे परिवारों की सामाजिक एवं भावनात्मक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए नए संसाधनों का लॉन्च किया है।

साल 2020 में महामारी के दौरान उभरी प्रमुख भावनाओं से निपटने के लिए वैश्विक संसाधनों की शृंखला को आगे बढ़ाती हुए नए चरण में पांच नए वीडियो शामिल हैं। इन वीडियो में लोग सेसमी स्ट्रीट के मनोरंजक किरदार – एल्मो और ग्रोवर, लोगों को बड़ी बाधाओं से निपटने, मानसिक चुनौतियों का सामना करने और खुद का व अपने करीबियों का ख्याल रखने की कला के साथ-साथ बहुत कुछ सिखाते नज़र आएंगे ।

आज लॉन्च होने वाले एक वीडियो में बच्चों के स्कूल और नौकरीपेशा माता-पिताओं के दफ्तर लौटने के मद्देनजर, एल्मो और ग्रोवर यह सीखते नजर आते हैं कि कैसे परिवार के सदस्य एक दूसरे के साथ एक लम्बा समय बिताने के बाद, वापस अपनी पुरानी दिनचर्या में लौटना आसान बना सकते हैं, वो भी बिना किसी भावनात्मक तनाव के। इस वीडियो में एल्मो और ग्रोवर, अपने देखभालकर्ता और माता पिता को घर से निकलने से पहले कैसे अलविदा कह सकते हैं , यह सीखते नज़र आएंगे। इसमें एक-दूसरे को गले लगाना और विशेष ‘गुडबाई डांस’ करना शामिल है। अन्य वीडियो और संसाधनों को आने वाले महीनों में एक के बाद एक चरणबद्ध तरीके से लॉन्च किया जाएगा।

कोविड-19 का प्रकोप जारी रहने के बीच दुनियाभर के परिवार अधिक तनाव, दबाव व अन्य चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। महामारी से पहले, 2019 में भी ‘द इंडियन जर्नल ऑफ़ साइकैट्री’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत के लगभग पांच करोड़ बच्चे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं। इनमें से 80 से 90 फीसदी बच्चों ने कोई विशेषज्ञ मदद नहीं ली है।
वहीं, यूनिसेफ की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 15 से 24 साल के 14 फीसदी लोग यानी हर सात में से एक व्यक्ति या तो अवसादग्रस्त है या फिर सार्वजनिक गतिविधियों में हिस्सा लेने में उसकी कोई खास दिलचस्पी नहीं है ।
रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के मुताबिक, अमेरिका में अप्रैल 2019 के मुकाबले अप्रैल 2020 में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को लेकर 5 से 11 साल के बच्चों के आपातकालीन सेवाओं से संपर्क करने की दर 24 फीसदी बढ़ गई। वहीं, 12 से 17 साल के बच्चों के मामले में यह वृद्धि दर 31 प्रतिशत दर्ज की गई।

वियाट्रिस में कॉरपोरेट मामलों की प्रमुख लारा रैम्सबर्ग ने कहा, “वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल समुदाय के सदस्य के तौर पर हमने दुनिया के हर कोने में महामारी के लंबे समय तक टिकने वाले सामाजिक एवं भावनात्मक प्रभावों को देखा है। हमने सबसे पहले साल 2020 में तब सेसमी वर्कशॉप के साथ काम किया, जब भारत में कोरोना का कहर चरम पर था। इस दौरान हमने बेहद मुश्किल दौर से पार पाने में परिवारों की मदद करने में सेसमी वर्कशॉप द्वारा तैयार संसाधनों के प्रभाव को करीब से महसूस किया। दूसरी कड़ी के जरिये हम वैश्विक स्तर पर परिवारों के लिए नई सामग्री की शृंखला पेश करने में सेसमी वर्कशॉप का सहयोग कर रहे हैं।”
रैम्सबर्ग ने कहा, “वियाट्रिस भौगोलिक सीमाओं और हालातों से परे, दुनियाभर के लोगों को जीवन के हर चरण में स्वस्थ रहने में सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। और स्वास्थ्य में सुधार लाने की पहल खुद के अंदर से शुरू होती है। हम अनगिनत बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों, परिवारों और देखभालकर्ताओं की मदद करना जारी रखेंगे। हम इस दिशा में सीसमे वर्कशॉप का सहयोग कर बेहद गौरवांवित महसूस करते हैं।”
यह नए संसाधन SesameWorkshopIndia.org पर उपलब्ध है। इसे पृथककीरण (आइसोलेशन) के दुष्प्रभावों, बेचैनी और अनिश्चितता जैसे मुद्दों पर बच्चों, परिवारों और देखभालकर्ताओं के बीच सकारात्मक संवाद को बढ़ावा देने के मकसद से तैयार किया गया है। नए नए संसाधनों में महामारी से आए बदलावों और अभिभावकों में व्यक्गित क्षति से उपजे तनाव व आर्थिक परेशानियों से निपटने की कला के बारे में बताया गया है। इससे यह भी सीख देने की कोशिश की गई है कि मदद मांगना सामान्य है। अगले तीन महीने में ये सामग्री भारत, अमेरिका, खाड़ी क्षेत्र, दक्षिण कोरिया और तुर्की जैसे देशों में लॉन्च कर दी जाएगी।

सेसमी वर्कशॉप इंडिया की प्रबंध निदेशक, सोनाली खान कहती हैं, “हम तेजी से बदलती दुनिया में बच्चों में अहम सामाजिक, भावनात्मक एवं बौद्धिक कौशल का विकास करने को प्रतिबद्ध हैं। हम बच्चों को ऐसे संसाधन उपलब्ध कराना जारी रख रहे हैं, जो भावनाओं का प्रबंधन करने, दोस्तों से संवाद करने और अपनों व करीबियों का ख्याल रखने में उनकी मदद करते है। इस दिशा में हम वियाट्रिस से मिल रहे व्यापक सहयोग के लिए हम उनके आभारी हैं।”

आज लॉन्च होने वाले संसाधन सेसमी वर्कशॉप की 2020 में शुरू की गई ‘ख्याल अपना, ख्याल अपनों का’ पहल का हिस्सा है। यह पहल अब तक सौ देशों के 41 से अधिक भाषाएं बोलने वाले परिवारों तक पहुंच बना चुकी है।
SesameWorkshopIndia.org दुनियाभर के बच्चों, अभिभावकों और देखभालकर्ताओं की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए खुद को लगातार अपडेट करती रहती है। ‘सीसमे स्ट्रीट्स इन कम्युनिटी’ के तहत बड़ी संख्या में राष्ट्रीय और सामुदायिक स्रोतों के जरिये अतिरिक्त सामग्री वितरित की जा रही है। ‘सीसमे स्ट्रीट्स इन कम्युनिटी’ बच्चों और परिवारों की मदद के लिए तैयार सीसमे वर्कशॉप का एक प्रमुख कार्यक्रम है।
Link :
https://www.sesameworkshopindia.org/covid-19-care

Author
Vikas is an avid reader who has chosen writing as a passion back then in 2015. His mastery is supplemented with the knowledge of the entire SEO strategy and community management. Skilled with Writing, Marketing, PR, management, he has played a pivotal in brand upliftment. Being a content strategist cum specialist, he devotes his maximum time to research & development. He precisely understands current content demand and delivers awe-inspiring content with the intent to bring favorable results. In his free time, he loves to watch web series and travel to hill stations.

Leave a Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!