Telangana election 2023: इस साल के आखिरी तक जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उनमें से दक्षिण भारत से सिर्फ एक राज्य तेलंगाना बाकी बचा है। तेलंगाना का सियासी दंगल दो कारणों से बेहद अहम हो जाता है।
के. चंद्रशेखर राव के लिए यह पहला मौका है, जब उन्हें किसी विरोधी दल से दमदार चुनौती मिल सकती है।
दक्षिण भारत के 5 बड़े राज्यों में से सिर्फ़ तेलंगाना एक ऐसा राज्य है, जहां पर bjp की सियासी उम्मीदों को आकार मिलने की संभावना है।
सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा!: Telangana election 2023
- तीनों प्रमुख दलों- सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS), विपक्षी कांग्रेस और बीजेपी अगली सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं।
- एक सर्वे के अनुसार बीआरएस को 38.88 प्रतिशत वोट मिलने का दावा किया गया है।
- बीजेपी को 30.48 प्रतिशत वोट मिलने का दावा किया गया है।
- कांग्रेस को 23.71 प्रतिशत और अन्य को 6.91 प्रतिशत वोट मिलने का दावा किया गया है।
- 2018 में हुए चुनाव में 119 विधानसभा सीटों में से BRS को 46.9 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे और उसने 88 सीटें जीती थीं।
- कांग्रेस को 28.4 प्रतिशत वोट मिले थे और 19 सीटों पर विजय मिली थी
- जबकि बीजेपी को केवल एक सीट से संतोष करना पड़ा था।
प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी
- के चंद्रशेखर राव की पार्टी बीआरएस ने 119 में से 115 सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है।
- मुख्यमंत्री केसीआर गजवेल-कामारेड्डी से चुनावी मैदान पर उतरे हैं।
- चंद्रशेखर राव ने 2018 में दूसरी बार सीएम के रूप में शपथ ली थी.
- 2022 में उन्होंने तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति कर दिया
- बीआरएस ने 2018 में 119 सदस्यीय विधानसभा में 87 सीटें जीतीं.
- इससे पहले 2014 में तेलंगाना के बनने के बाद जून 2014 में केसीआर ने 119 में से 63 सीटें जीतकर तेलंगाना के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
केसीआर के पास राज्य के सीएम बनने का मौका
- 16 जनवरी 2024 को तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है।
- ऐसे में राजस्थान और मध्यप्रदेश के साथ तेलंगाना में भी नवंबर-दिसंबर में चुनाव हो सकते हैं।
- साल 2014 से जब से तेलंगाना आंध्रप्रदेश से अलग हुआ है, तब से इस राज्य में के. चंद्रशेखर राव और उनकी पार्टी भारत राष्ट्र समिति BRS का एकछत्र राज कायम रहा है।
- केसीआर साल 2014 में इस राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।
- वहीं अलग राज्य बनने के बाद साल 2018 में तेलंगाना में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे।
- इस साल तेलंगाना में दूसरी बार विधानसभा चुनाव होने हैं।
- ऐसे में केसीआर के पास एक बार फिर से राज्य के सीएम बनने का मौका है।
- भाजपा का प्रयास है कि तेलंगाना में भी उत्तर भारत के राज्यों की तर्ज पर मुस्लिम-हिदू के आधार पर वोटों का ध्रुवीकरण हो।
- जिससे कि भाजपा के सत्ता में आने के साथ ही केसीआर की सत्ता में वापसी मुश्किल हो जाए।