Karnataka Hijab row: पछले कुछ वक़्त से कर्नाटक का हिजाब विवाद अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चूका है। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से इस हिज़ाब विवाद पर जल्द सुनवाई की मांग की है। सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि कर्नाटक राज्य में लड़कियों पर पत्थर फेंके जा रहे है, राज्य में सभी स्कूल और कॉलेज को बंद करना पड़ा है ऐसे में इस मुद्दे पर कोर्ट जल्द सुनवाई करे और कोई नतीजा निकाले।
Karnataka Hijab row: कर्नाटक राज्य में चल रहे हिजाब विवाद मामला अब देश के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट पहुंच चूका है। इस मुद्दे को देश के चीफ जस्टिस की पीठ सामने पेश किया गया है। वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से इस केस को अपने पास ट्रांसफर करने की अपील की है। वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यह मामला अब धीरे धीरे पूरे देश में फैलता गया है।
ग़ौर करने वाली बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर जल्द सुनवाई करने से साफ़ इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट से इससे जुड़ी याचिकाओं को अपने कोर्ट में ट्रांसफर करने से साफ़ माना कर दिया है। माना करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब यह केस कर्नाटक हाईकोर्ट में चल ही रहा है तो बीच में सुप्रीम कोर्ट दख़लअंदाज़ी करने का कोई मतलब नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर सुनवाई के लिए कोई एक तारीख तय करने से भी मना कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल ने यह मामला उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अब से ठीक दो महीनों के बाद छात्रों कजी परीक्षाएं होने वाली हैं। और परीक्षाएं से ठीक पहले स्कूलों-कॉलेजों को बंद करना कोई अच्छी बात नहीं है। कर्णाटक में लड़कियों पर पत्थरबाजी हो रही है। सिब्बल ने यह भी कहा कि यह मुद्दा उस धार्मिक मामले की तरह ही है जिसपर 9 जजों की बेंच को सुनवाई करनी पड़ी थी। यहां मालूम हो कि सिब्बल सबरीमाला मंदिर विवाद का ज़िक्र कर रहे थे जिसमे सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की बेंच को सुनवाई करनी पड़ी थी।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने ?
कपिल सिब्बल की अपील पर भारत के चीफ जस्टिस ने कहा कि पहले कर्नाटक हाईकोर्ट की सुनवाई इस मुद्दे पर पूरी होने दें। कल ही कर्णाटक HC ने इसे केस को एक बड़ी बेंच में ट्रांसफर किया है। इस केस पर आज तीन जजों की बेंच सुनवाई करेगी। चीफ जस्टिस की इस बात पर सिब्बल ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट से इस मामले को लिस्ट करने की बात कर रहे हैं। ऐसे में अगर कर्नाटक हाईकोर्ट इस मुद्दे पर कोई आदेश जारी नहीं करता है तो सुप्रीम कोर्ट को खुद इस केस को अपने पास ट्रांसफर कर लेना चाहिए। सिब्बल ने आगे मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले को ट्रांसफर करके आर्टिकल 25 के तहत सुनवाई करे। जसिके बाद फिर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट इस मामले को अभी तुरंत यहां लिस्ट करेगी तो कर्णाटक हाईकोर्ट इसपर सुनवाई नहीं करेगा।