उजाला अभियान: चंडीगढ़ में छाए अंधेरे पर भारी पड़ा सेना का ऑपरेशन रोशनी, 12 घंटे में पाई फतह

चंडीगढ़ में अब स्थिति नियंत्रण में है और अधिकतर स्थानों पर बिजली आपूर्ति सुचारू की जा चुकी है। फिर भी चंडीगढ़ के सब स्टेशनों पर सेना के जवान तैनात हैं। सेना का कहना है कि जब तक प्रशासन और बिजली कर्मचारियों में सामान्य हालात नहीं होते, सेना के इंजीनियर स्टेशनों पर रहेंगे।

चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से छाए अंधेरे पर सेना का ऑपरेशन रोशनी भारी पड़ा। इस विशेष ऑपरेशन को पश्चिमी कमान ने एक युद्ध की तरह लिया और फतह भी पाई। इसके लिए पश्चिमी कमान के अलावा दिल्ली, लुधियाना और अंबाला से विशेष रूप से प्रशिक्षित इंजीनियरों को बुलाया गया।

सेना के 200 इलेक्ट्रिकल इंजीनियरों ने रातों रात अलग-अलग सब स्टेशन पर मोर्चा संभाला और अंधेरा होने के बावजूद 12 घंटों में अधिकतर फाल्ट तलाश कर उन्हें ठीक किया। काटी गई तारों को जोड़ने से लेकर बिजली आपूर्ति बहाली का काम सेना के जवानों ने बखूबी किया। शाम 7 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक चले इस अभियान में सेना के आला अधिकारी भी रातभर फील्ड में रहे और बिजली आपूर्ति बहाल की।

निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के चलते मंगलवार को चंडीगढ़ में हुए ब्लैक आउट होने से प्रशासन की सांसें फूल गई थीं। आनन फानन में सेना की मदद मांगी गई। चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित और पश्चिमी कमान के कमांडर नव के खंडूरी के साथ बातचीत के बाद सेना मैदान में उतरी। पूरे ऑपरेशन की कमान चीफ इंजीनियर कमांड मेजर जनरल पीएस चड्ढा और सिविल मिलिट्री अफेयर्स के एडवाइजर कम प्रिंसिपल डायरेक्टर कर्नल जसदीप सिंह संधु ने संभाली। 

चंडीगढ़ प्रशासन के साथ बैठक के बाद सेना के जवान 8 बजे अलग अलग स्टेशन पर तैनात किए गए। अंधेरा होने के कारण फाल्ट तलाशने में इंजीनियरों को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ा। सबसे अधिक दिक्कत सेक्टर 56, 52 और 43 स्थित 66 केवीए के सब स्टेशनों में थी। तमाम प्रयासों के बावजूद भी जब यहां पर फाल्ट नहीं मिले तो दिल्ली से विशेष रूप से प्रशिक्षित 25 बिजली इंजीनियरों की टीम को बुलाया गया।

इसी प्रकार, अंबाला, पटियाला और लुधियाना से भी 65 इंजीनियरों का बुलाया गया। साथ ही चंडी मंदिर मुख्यालय से जनरेटर मंगाए गए।  रात 1 बजे तक सभी टीमें चंडीगढ़ में पहुंचीं। अलसुबह 4 बजे तक सेना के जवानों ने अधिकतर फाल्ट तलाशे और जहां से तारें कटी हुई थी, उनको जोड़कर बिजली आपूर्ति शुरू की।

सेना की निगरानी में सब स्टेशन

चंडीगढ़ में अब स्थिति नियंत्रण में है और अधिकतर स्थानों पर बिजली आपूर्ति सुचारू की जा चुकी है। फिर भी चंडीगढ़ के सब स्टेशनों पर सेना के जवान तैनात हैं। सेना का कहना है कि जब तक प्रशासन और बिजली कर्मचारियों में सामान्य हालात नहीं होते, सेना के इंजीनियर स्टेशनों पर रहेंगे। सेना के करीब 100 जवान अलग अलग स्थानों पर तैनात हैं। आपरेशन में सीनियर इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर प्रवीन कुमार, संजय भाटिया, एम ए दास आदि इंजीनियर शामिल रहे। 

हमारे लिए ये अंधेरे के खिलाफ युद्ध जीतने का ऑपरेशन था। आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल नव के खंडूरी के निर्देश के बाद इंजीनियरों ने मोर्चा संभाला। जवानों ने अंधेरे को हराने के लिए पूरी ताकत झोंकी, इसी का नतीजा है कि रातभर में ही सभी फाल्ट को तलाशकर उनको ठीक किया गया। हालात सामान्य होने तक सेना के जवान सब स्टेशनों पर तैनात रहेंगे। 

-कर्नल जसदीप संधु, एडवाइजर कम प्रिसिंपल डायरेक्टर, सिविल मिलिट्री अफेयर।

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